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पहचान आज का विषय 😛😛

यह हर शान झूठी है, यह पहचान झूठी है,

दिल‌ में ग़म लेकिन होंठों पर मुस्कान झूठी है


दौलत की चकाचौंध युं तो हर तरफ है छाई

पर तन्हा दिल में आज भी गमों की है परछाई


सुबह जल्दी से उठकर काम पर जाना होता है

वक्त नहीं मिलता जो अपनों संग बिताना होता है



एसी की ठंडी हवाओं से अब दम सा घुटने लगा है,

सब पा कर भी कुछ है जो शायद पीछे छूटने लगा है।

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7 Comments

Dr. Arpita Agrawal

18-Jun-2022 08:58 AM

बहुत खूब 👌👌

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Kya baat kahi, bahut khoob

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Aliya khan

22-Jun-2021 10:04 PM

बेहतरीन

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